हनुमान चालीसा पाठ आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का सरल व सशक्त माध्यम : बोधराज सीकरी
गुरुग्राम। बोधराज सीकरी द्वारा चलाई जा रही हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम नए रंग और नए रुप मे प्रस्तुत हो रही है। कल मंगलवार दिनांक 3 अक्टूबर को श्री जगदीश बंसल, जो एक जाने माने औषध उद्योग निर्माता हैं, ने यजमान के नाते शक्ति पीठ मंदिर सेक्टर 40 में भव्य आयोजन किया, जिसमें न केवल संख्या के दृष्टिकोण से नए कीर्तिमान स्थापित हुए बल्कि आधे से ज्यादा लोग पुराने गुरुग्राम से बोधराज सीकरी के वक्तव्य को सुनने के लिए उत्सुक थे। जैसा कि प्रथा चली आ रही है पिछले सात महीने और 12 दिन से निरन्तर हर मंगलवार को किसी न किसी स्थान पर 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा जा रहा है।
इसके फलस्वरूप अभी तक 3 लाख 57 हजार 823 पाठ, 25860 श्रद्धालुओं द्वारा 130 स्थानों पर किये जा चुके हैं। कल की संख्या को यदि जोड़ा जाए तो साधकों की ये संख्या 26 हजार पार कर गई है। कल के कार्यक्रम में 400 से अधिक श्रद्धालुओं, भक्तजनों ने हिस्सा लिया। बड़े प्रेमपूर्वक श्री गजेंद्र गोसाई द्वारा संगीतमय तरीके से जोश के साथ गाये गए हनुमान चालीसा पाठ का आनंद उठाया और इसमें सहयोग दिया श्री दमन दीवान ने। 21 बार पाठ होने के उपरांत बोधराज सीकरी ने सर्वप्रथम उपस्थित युवा पीढ़ी को बताया कि पितृ पक्ष चल रहा है। पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं। और उन्होंने युवाओं को बताया कि यह कोई गलत परिपाटी नहीं है। प्रश्न यह उठता है कि आप इसको किस तरीके से मनाते हो l ये 15 दिन हमारे ऋषि मुनियों ने, हमारे विप्र गणों ने, हमारे पूर्वजों को याद करने के लिए, उनके द्वारा किये गए अच्छे कर्मों की चर्चा करने के लिए बनाए हैं। क्योंकि जो युवा अपने भूतकाल को भूल जाता है उसका भविष्य कभी भी उज्ज्वल नहीं हो सकता।
उन्होंने बताया कि श्राद्ध का मतलब श्रद्धा से है। जो भी आप काम करें, चाहे यज्ञ करें, चाहे अनुष्ठान करें, चाहे ब्राह्मण को बुलाकर कर्मकांड द्वारा कुछ भी करें दल, लेकिन करें अवश्य ताकि हम अपने पूर्वजों श्रद्धासुमन अर्पित कर पाएं। इसके बाद बोधराज सीकरी ने जो हनुमान चालीसा का पहला शब्द है “श्री गुरु” उसके ऊपर बड़ी विस्तारपूर्वक चर्चा की और वहां बैठे युवाओं को इसका अभिप्राय भी बताया।
हनुमान चालीसा पाठ के कई रहस्यों को उजागर किया और तुलसी कृत रामायण श्री रामचरितमानस उसका नाम मानस क्यों रखा, उसकी भी चर्चा की और बल दिया कि हमें हनुमान चालीसा बोलने की बजाय पढ़ना चाहिए , क्योंकि तुलसीदास ने बड़े स्पष्ट शब्दों में हनुमान चालीसा पाठ में लिखा है कि “जो यह पढ़े हनुमान चालीसा” इसमें पढ़ने का बल दिया है ताकि व्यक्ति का मन एकाग्र रहे और ग्रंथ की तरफ रहे, मन इधर उधर न भटके।
इस प्रकार कई प्रकार के और अन्य उदाहरण भी दिए जिससे लोगों का मन गद्गद हो गया। अंत में गोसाई जी ने जो आखिरी हनुमान चालीसा की चौपाई का पाठ था, उसको नृत्य के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया। पूरा का पूरा मंदिर नृत्य के माहौल में ऐसे रंगमय हो गया कि जैसे वृंदावन की होली खेली जा रही है। लोगों में उत्साह था, श्रद्धा थी, भाव था और प्रेम व समर्पण था l
बोधराज सीकरी ने घोषणा की कि आने वाली 17 तारीख़ मंगलवार पालम विहार, जे. ब्लॉक, श्री शेखर तनेजा और उनके सहयोगियों द्वारा वहां पर एक भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें हनुमान चालीसा पाठ के साथ-साथ बहन डॉ. सुधा यादव के जन्मदिन का आयोजन भी किया जाएगा। बोध राज सीकरी की प्रार्थना को बहन सुधा यादव जी ने अपनी स्वीकृति दे दी है और वे उसने भाग लेंगी।
131 वें स्थान शक्ति पीठ मंदिर में हुए पाठ को मिलाकर 366223 पाठ 26260 साधकों द्वारा हुए हैं। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में कल शाम को बोधराज सीकरी की अगुवाई में 50 लोगों ने 5-5 बार हनुमान चालीसा पाठ किए।
इस प्रकार मुहिम के तहत अब तक कुल 366473 हो चुके हैं। यह पाठ कुल 26310 साधकों द्वारा किया गया है।
गणमान्य व्यक्तियों में श्री तिलक मेहता, डॉ. सुधा यादव की बिटिया सौम्या जैन, दामाद अतीक जैन, श्रीमती पूनम जुनेजा पत्नी श्री रमेश जुनेजा ( श्मैनकाइंड फार्मा), राम लाल ग्रोवर, श्री धर्मिंदर बजाज , गंगागिरी कुटिया बसई रोड की पूरी टीम, सुभाष अरोड़ा, संजय टन्डन, युधिष्ठिर अलमादी, रमेश मुंजाल, राजीव छाबड़ा, अजय भार्गव, विनय वर्मा, चांद आहूजा, जसवंत चौहान, मोहित वत्स, रमेश चुटानी, सुभाष नागपाल, सुभाष गांधी, रमेश कुमार, रमेश कामरा, पॉवेल गर्ग, संजय खुराना, रवि मनोचा, पी.एन सिंह, राजपाल आहूजा, राजेश गाबा, सुखदेव, भावेश गर्ग, सुनील आहूजा, राजेश मदान, शेखर तनेजा, सुभाष अरोड़ा, संजय पुलाना, गिरीश सरदाना उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त महिला वर्ग में श्रीमती सुरेश सीकरी, ज्योत्सना बजाज, मीनू छाबड़ा, नीलिमा मिश्रा, श्रीमती ऊष्मा सचदेवा, श्रीमती मोनिका स्वामी, श्रीमती पॉवेल, श्रीमती कुकरेजा, निशा मोंगिया, श्रीमती विजय अरोड़ा, श्रीमती कुकरेजा, रीटा रानी, सीमा कपूर, कविता शर्मा, सुषमा अरोड़ा मौजूद रहीं।