हनुमान अष्टक, जो आठ पदों का समूह है, भी स्वाध्याय करना चाहिए : बोधराज सीकरी
हनुमान चालीसा मानव जाति के लिए संजीवनी है : बोधराज सीकरी
गुरुग्राम। कल मंगलवार 25 जुलाई राधा कृष्ण मंदिर, सेक्टर 15 पार्ट – 1 गुरुग्राम में शाम छः बजे मंदिर के प्रधान श्री विनय मंगला, राज यादव उप प्रधान, राजेश गर्ग महा मंत्री और राजेश गर्ग चावल वाले, कोषाध्यक्ष, अश्वनी वशिष्ट, सचिव, पदम् डागर, संदीप सिंगल, भीम जी ज़ेवर महल वाले, राकेश गोसाई आदि ने मिलकर भव्य हनुमान चालीसा पाठ का सामूहिक संगीतमय तरीके से आयोजन करवाया जिसकी मुहिम गुरुग्राम के जाने माने समाजसेवी और उद्योगपति ने पिछले पाँच महीने से की हुई है।
श्री गजेंद्र गोसाई, श्री बोधराज सीकरी के बाल्यकाल के साथी ने व्यास गद्दी से संगीतमय, लय, सुर और स्वर का समन्वय के साथ संपुट लगाकर लोगों के दिल पर एक अलग ही छाप छोड़ी। बीच-बीच में मंदिर के प्रधान श्री विनय मंगला ने भी संपुट लगाकर अपनी उपस्थिति भर लोगों के मन को छुआ। अंतिम चौपाई पर सभी साधक झूम उठे और मंदिर का प्रांगण नृत्यमय हो गया।
उसके उपरांत बोधराज सीकरी ने अपने आधे घंटे के वक्तव्य में विशेष कर युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि हनुमान चालीसा पाठ के उपरांत हनुमान अष्टक भी पढ़ना चाहिए, तुलसी बाबा ने अष्टक क्यों लिखा, हनुमंत चालीसा पाठ में चालीस चौपाई ही क्यों लिखी, गुरु ग्रंथ साहिब का हवाला देते हुए उसकी पुष्टि करी की चालीस चौपाई का क्या अभिप्राय है। इसी प्रकार नवधा भक्ति, जो भगवान राम ने भीलनी को दी, उसकी व्याख्या, अष्ट सिद्धि और नव निधि की विवेचना कर लोगों का मन मोह लिया।
राम भरत के सम्बंध का हवाला दे आज के परिप्रेक्ष्य में भाई-भाई के रिश्ते सुधारने पर बल दिया। बोधराज सीकरी के कथन अनुसार शिक्षा, संस्कार, संगति, एकता और मान्यता यह पाँच मंत्र आज के युवा के अंदर परिवर्तन ला सकते हैं और युवा राष्ट्र के प्रति अपनी कर्तव्य परायणता को समझ सकता है।
बोधराज सीकरी के अनुसार संस्कार की नींव घर पर रखी जाती है जिसके लिए माता का बहुत बड़ा योगदान होता है।
पहले माँ और जननी एक होती थी। जो जन्म देती थी वही पालन करती थी जिसके करण बच्चे में माँ के संस्कार अंकुरित होते थे परंतु अब जननी अलग है और माँ अलग है। जननी वो जो बच्चे को जन्म दे और माँ वो जो बच्चे को पाले। आज के जमाने में माँ का रोल दाई, माई, मेड और नेनी निभाती है जिसके करण बच्चे के अंदर उसी दाई माई के संस्कार जाते हैं। दूसरा कारण आज के युवा का संस्कारवान न बनने का था शिक्षा पद्धति। बोधराज सीकरी के अनुसार वर्तमान सरकार ने शिक्षा पद्धति में परिवर्तन लाकर आने वाली पीढ़ी के लिए न्याय किया है।
अंत में बोधराज सीकरी ने बताया कि हनुमान जी को निरंतर आजीवन भक्ति करने के बाद “भक्त” का पद मिला और हम मात्र हनुमान चालीसा पाठ पढ़कर भक्त कहलाना चाहते हैं।
“अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहां जन्म हरि भक्त कहाई”॥
हनुमान जी भक्त अंत काल में कहलाये।
पिछले मंगलवार तक 38 स्थानों पर 240620 पाठ हो चुके थे जिसमें लगभग 15100 साधक भाग ले चुके हैं। कल की साधकों की संख्या 175 थी जिन्होंने 21-21 बार पाठ किया जिसका कुल 3675 पाठ हुआ। इसके अतिरिक्त प्रातः फ़्लायर पार्क सुशांत लोक, जो बोधराज सीकरी के निवास स्थान के समीप है, वहाँ 15 लोगों ने पाँच-पाँच बार पाठ किया और शाम को जामपुर शिव मंदिर, ईस्ट ऑफ़ कैलाश, जहाँ के बोधराज सीकरी प्रधान हैं, वहाँ 35 लोगों ने पाँच-पाँच बार पाठ किया। इन तीनों स्थानों की कुल पाठ की संख्या 3925 हुई। पिछले सप्ताह तक की संख्या 240620 को जोड़कर अब तक कुल संख्या 244545 हुई। अभी तक 15325 साधक 39 स्थान पर हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम में भाग ले चुके हैं।
मंदिर के प्रधान श्री विनय मंगला ने अंतिम संबोधन में सभी का, विशेष कर बोधराज सीकरी और उनकी टीम का आभार प्रकट किया और सभी से आग्रह किया की सभी भोजन प्रसाद ग्रहण कर के जाएं ।
गणमान्य व्यक्तियों में जिन्होंने इस आयोजन में अपनी हाज़िरी भरी उनमें दैनिक जागरण अख़बार के मुख्य संपादक श्री आदित्य रॉय, डॉ.परमेश्वर अरोड़ा (आयुर्वेद आचार्य और योगाचार्य) और समाजसेवी, गुरुग्राम के पुराने बीजेपी नेता और बोधराज सीकरी के सहपाठी श्री तिलक राज मल्होत्रा, ओम स्वीट के अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश कथूरिया, पंजाबी बिरादरी महा संगठन के फाउंडर ट्रस्टी श्री संदीप कुमार, बीजेपी के नेता और समाजसेवी श्री प्रमोद सलूजा एडवोकेट, आर्य समाज के स्तंभ धमेंद्र बजाज सहपत्नीक पधारे थे। वयोवृद्ध श्री सी.बी मनचंदा, श्री केंद्रीय सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष श्री एस.के खुल्लर अपनी टीम, श्री राम लाल ग्रोवर व श्री किशोरी डुडेजा के साथ उपस्थित रहे। समाजसेवी रमेश मुंजाल, रमेश कामरा, ओ.पी कालरा, सतपाल नासा, अनिल कुमार, वासुदेव ग्रोवर, जय दयाल कुमार, हेमंत मोंगिया, ओम प्रकाश गाबा, द्वारका नाथ मक्कड़, लोकेश चौधरी, विनय बर्मा, संजय टंडन, अमित गंभीर, महेश नागपाल, उपस्थित रहे।
गढ़ी हरसरू से वैष्णोदेवी मंदिर की संयोजिका पूनम माता जी की बिटिया, अलका शर्मा जो ज्योतिष में और वस्तु कला में माहिर है, पूरा समय उपस्थित रही।
महिला वर्ग से ज्योत्सना बजाज, रचना बजाज, पुष्पा नासा, सीमा कपूर, निशी मोंगिया, सुरेश सीकरी ने अपनी गरिमायुक्त उपस्थिति भरी।