हनुमान चालीसा पाठ में और गहराई में उतर रहे हैं बोधराज सीकरी : पंडित भीम दत्त ज्योतिषाचार्य
अपने स्वाध्याय से नये-नये रहस्य खोजकर साधकों को प्रसाद रूप में वितरित कर रहे हैं बोधराज सीकरी : डॉक्टर अलका शर्मा।
गुरुग्राम। कल मंगलवार दिनांक 16 अप्रैल को माँ वैष्णोदेवी दरबार गढ़ी हरसरू में दोपहर बाद बोधराज सीकरी द्वारा चलाई जा रही मुहिम के तहत हनुमान चालीसा पाठ का शुभारंभ पूनम माता जी संयोजिका मंदिर और डॉक्टर अलका शर्मा सह संयोजिका की अगुवाई में भक्तजनों ने गजेंद्र गोसाई जी द्वारा गायकी और संगीतमय तरीक़े से हनुमान चालीसा पाठ का 21-21 बार भरपूर आनंद लिया। मंत्र की ध्वनि, शंखनाद की ध्वनि और जय श्री राम और जय हनुमान के जय घोष के वातावरण में भक्ति रस में डूबे गोसाई जी की जिह्वा से खूब अमृत वर्षा का लगभग 200 से अधिक साधकों ने रसपान किया।
21-21 बार पाठ के उपरांत बोधराज सीकरी ने अपने वक्तव्य में शबरी के चरित्र की चर्चा की। उन्होंने बताया कि जब राम शबरी की झोपड़ी में आए तो शबरी को अचंभा हुआ कि कैसे मैं प्रभु को पहचानूँगी। फिर उन्हें अपने गुरु की बात याद आयी कि पाँच लक्षण होंगे जिनसे प्रभु राम को पहचाना जाएगा यद्यपि उनके गुरु ने प्रभु राम को देखा नहीं था परंतु फिर भी अपने ज्ञान चक्षु से उन्होंने भीलनी को बताया था कि उनके सिर पर जटा मुकुट होगा, उनके नेत्र कमल के समान होंगे, उनके गले में बन्माला होगी, उनकी भुजाएं लंबी होंगी और उनके साथ उनके अनुज भ्राता गौर वर्ण के होंगे। जैसे यह पाँच लक्षण प्रभु राम में देखे तो वो उनके चरणों में लिपट गई।
बोध राज सीकरी ने स्पष्ट किया कि राम चरितमानस में कहीं नहीं लिखा की भीलनी ने उन्हें झूठे बेर खिलाए। उन्होंने उन्हें कन्दमूल फल खिलाए। उसके उपरांत भगवान राम ने नवधा भक्ति का ज्ञान दिया। भगवान राम के अनुसार नौ प्रकार की भक्ति होती है जिनमें पहली भक्ति है संतों का संग, दूसरी भक्ति है मेरी कथा में प्रेम, तीसरी भक्ति है गुरु की सेवा, चौथी भक्ति है कपट् छोड़कर मेरे गुणों का व्याख्यान, पाँचवी भक्ति है मेरे मंत्र का जाप, छटी भक्ति है इंद्रियों का विग्रह, सातवी भक्ति है संतों को मुझसे अधिक जानना, आठवीं भक्ति है जीवन में संतोष और अंतिम नौवीं भक्ति है सरलता और मुझमें भरोसा रखना। प्रभु राम ने कहा है भीलनी तुम अधम नहीं
हो। तुममें सारी की सारी नौ प्रकार की भक्ति समाविष्ट है। इस प्रकार भीलनी ने प्रभु के दर्शन कर उन्हें पम्पापुर का मार्ग बताया, सुग्रीव और हनुमान के बारे में बताया और योगाग्नि से प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त कर बैकुण्ठ धाम को चली गई।
बोध राज सीकरी ने संत की परिभाषा अपने अनूठे ढंग से बतायी और पूनम माता जी और डॉक्टर अलका शर्मा की विशेषकर सराहना की जिन्होंने अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर दिया है और धर्म के मार्ग पर चलकर न जाने कितने लोगों का जीवन परिवर्तित कर रही हैं। सीकरी जी ने सुंदर भंडारे की व्यवस्था के लिए मंदिर मैनेजमेंट की भूरी-भूरी प्रसंशा की।
पिछले सप्ताह तक 259 स्थानों पर 43,800 साधकों द्वारा 608,177 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।
कल के पाठ में लगभग 200 भक्तों ने भाग लिया और सभी ने 21-21 बार पाठ किया। श्रीमती ज्योत्सना बजाज के ऑनलाइन हनुमान चालीसा के पाठ के आयोजन में 15 लोगों ने 11-11 बार पाठ किया। विजय टन्डन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्ट्री के 64 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया। जनता रिहैबिलिटेशन सेंटर में 40 विद्यार्थियों ने 21-21 बार पाठ किया। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में 31 साधकों ने 5-5 बार पाठ किया।
इस प्रकार अब तक 264 स्थानों पर 44,150 साधकों द्वारा 613,665 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।
इस आयोजन में श्री सुरेंद्र खुल्लर, प्रधान केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा, श्री धर्मेन्द्र बजाज अध्यक्ष अर्जुन मण्डल (भाजपा), राम लाल ग्रोवर महा मंत्री पंजाबी बिरादरी महा संगठन, श्री राज कुमार कथूरिया एडवोकेट, श्री रमेश चुटानी प्रधान डेरावाल बिरादरी, श्री सुभाष गांधी, श्री सुभाष नागपाल, श्री रवि मनोचा, श्री राजपाल आहूजा योगाचार्य, श्री हेमंत मोंगिया, श्री सुरेंद्र बरेजा, श्री किशोरी लाल डुडेजा, श्री रमेश कामरा, श्री द्वारका नाथ मक्कड़, श्री तिरलोकी गोसाई, श्री रुपेश चौधरी आदि उपस्थित रहे।
महिला मंडली की ओर से श्रीमती रचना बजाज, श्रीमती पुष्पा नासा, श्रीमती पूजा खेत्रपाल , श्रीमती शमा तनेज़ा उपस्थित रहीं।