गुरु बिन ज्ञान संभव नहीं : बोधराज सीकरी
संकटमोचन प्रभु हनुमान की कृपा से हर मनोरथ होते हैं पूर्ण : बोधराज सीकरी
गुरुग्राम। कल मंगलवार 12 सितम्बर 2023 सायंकाल की पावन बेला में श्री राधा कृष्ण मंदिर, भीम नगर (गुरुग्राम) में श्री हनुमान चालीसा का पाठ जो श्री बोधराज सीकरी की मुहिम का एक हिस्सा है, शुभारंभ श्री गजेंद्र गोसाई जी के माध्यम से व्यास गद्दी से हुआ। 21 बार निरन्तर पाठ करने के बाद गोसाई जी ने सारी संगत को संक्षेप में लगभग पिछले 7 महीने की उपलब्धियों के बारे में बताया कि कैसे एक छोटा सा बीज हनुमान चालीसा के रुप में अंकुरित हुआ उनके प्रिय अग्र भ्राता श्री बोधराज सीकरी द्वारा कैसे वो बीज एक वटवृक्ष का रूप धारण करता जा रहा है।
अब तक लगभग पौने सात महीने के दौरान 47 स्थानों पर हनुमान चालीसा का पावन पाठ हो चुका है जिसमें 20867 लोग हिस्सा ले चुके हैं और कल की 300 लोगों की उपस्थिति को जोड़ते हुए अब साधकों की कुल संख्या 21,167 हो गई है। हनुमान चालीसा पाठ अब तक 3,05,064 हो चुके थे और कल की संख्या को जोड़कर यह आंकड़ा 3,11,364 तक पहुँच गया है।
लोगों की अभिरुचि को देखते हुए लगता है कि गुरुग्राम शहर में हनुमान जी की विशेष अनुकम्पा हो रही है क्योंकि न जाने कहाँ-कहाँ से लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित हो रहे हैं। कल के इस कार्यक्रम में कैनविन फॉउंडेशन के संस्थापक डॉ. डी. पी गोयल स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने हनुमान चालीसा पाठ का आनंद तो लिया ही और अपने संबोधन में बोधराज सीकरी जी की मुहिम की भूरी-भूरी प्रशंसा भी करी और कहा कि जहां श्री बोधराज सीकरी जी वक्तव्य दें वहां पर किसी और व्यक्ति के वक्तव्य देने की गुंजाइश ही नहीं रहती।
इसी प्रकार श्री अंकित अलग जो जनक्रांति पार्टी के संयोजक हैं, ने अपने संबोधन में हनुमान जी की इतनी सुंदर प्रस्तुति रखी कि उसको सुनकर मन गद्गद हो गया। उनके स्वाध्याय का यह ज्वलंत उदाहरण है।
श्री पवन पाहुजा पत्नी श्रीमती सीमा पाहूजा जी जो मंदिर के प्रधान हैं और श्री सुरेश मल्होत्रा, श्री किशोरी डुडेजा महा मंत्री और श्री प्रमोद सलूजा संरक्षक ने एक-एक मेहमान का निजी तौर से ख्याल रखा और इतनी सुंदर व्यवस्था कि की लोगों का मन खुश हो गया।
21 बार पाठ समाप्त होने के बाद बोधराज सीकरी ने कल “गुरु तत्व” पर चर्चा की। कैसे तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा पाठ का शुभारंभ ही श्री गुरु शब्द से किया।
बोधराज सीकरी ने बताया कि गुरु का अभिप्राय है जो अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाए, जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए, जो भौतिकवाद से हमें प्रकृतिवाद की ओर ले जाए। जो हमें ज्ञान दे, जो हमें अध्यात्म का रास्ता दिखाए। इस प्रकार हनुमान जी के बारे में बताया कि जब मेघनाथ और लक्ष्मण का युद्ध हुआ तो लक्ष्मण के मूर्छित होने के उपरांत वहां से ईश्वर की गोद में लक्ष्मण को लाना हनुमान जी ने किया। यह जीव का ब्रह्म से मिलाने का उदाहरण है।
इसी प्रकार लक्ष्मण जी को ठीक करने के लिए वैद्य की जरूरत है। वैद्य भी हनुमान जी लाते हैं उसके बाद जड़ी बूटी की जरूरत है। जड़ी बूटी भी हनुमान जी लाते हैं। जड़ी बूटी भक्ति रूपी रस है और वैद्य को लंका से लाना गुरु को लाने के बराबर है। इस प्रकार व्याख्या से गुरु तत्व की चर्चा कर लोगों के मन को बोधराज सीकरी ने मोह लिया। तदोपरांत बड़ी सुंदर प्रसाद लंगर की व्यवस्था की गई थी। जिसमें निम्नलिखित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
व्यास गद्दी पर विराजमान – श्री गजेंद्र गोसाई जिनके जोश और ऊर्जा की व्याख्या नहीं की जा सकती – उनके साथ डॉक्टर अलका शर्मा जानी मानी ज्योतिषाचार्य, पंडित भीम दत्त जी थे।
आयोजन कर्ता – श्री राधा कृष्ण मंदिर, भीम नगर गुरुग्राम
मैनेजमेंट टीम – जाने माने समाजसेवी श्री पवन पाहुजा (बंटी), श्री सुरेश मल्होत्रा, श्री किशोरी डुडेजा और संरक्षक श्री प्रमोद सलूज़ा। डॉक्टर डी.पी गोयल (कैनविन फाउंडेशन), श्री अंकित अलग (जनक्रांति पार्टी के संयोजक), श्री गोसाई चूड़ामणि गोपीनाथ मंदिर से, गणमान्य व्यक्ति – श्री ओम प्रकाश कथूरिया, श्री सुरेंद्र खुल्लर, श्री राम लाल ग्रोवर , श्री धर्मेन्द्र बजाज़, श्री रमेश कामरा, श्री अनिल कुमार, श्री सी.बी मनचंदा, श्री वासदेव ग्रोवर, श्री जय दयाल कुमार, श्री सुरेंद्र थरेजा, श्री केदार नाथ मक्कड़, श्री सुखदेव, श्री रूपक चौधरी, श्री सुभाष ग्रोवर एडवोकेट, श्री गुलशन मेहता, केसर दास, श्याम ग्रोवर, अशोक गेरा, विनय वर्मा, उमेश ग्रोवर, रमेश मुंजाल, रवि मनोचा, कपिल सलूज़ा।
महिला प्रकोष्ठ से – श्रीमती ज्योत्सना बजाज, श्रीमती पुष्पा नासा, श्रीमती रचना बजाज, श्रीमती सिमरन बजाज, श्रीमती रीता रानी, श्रीमती निशी मोंगिया, श्रीमती सीमा कपूर, श्रीमती रचना भारद्वाज, श्रीमती सुनीता रानी, डॉक्टर वीणा अरोड़ा, मीनाक्षी मुंजाल व अन्य श्रद्धालु जन मौजूद रहे।