बोधराज सीकरी की युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम और मज़बूत हुई
ग्रंथों के पहले और अंतिम शब्दों में उन ग्रंथों का राज छिपा है – बोधराज सीकरी ने दिए ज्वलन्त उदाहरण ।
गुरुग्राम। कल मंगलवार 23 मई हनुमान चालीसा के पाठ का संगीतमय तरीक़े से आयोजन श्री गणेश मंदिर दशहरा ग्राउंड न्यू कॉलोनी गुरुग्राम की ओर से किया गया। यद्यपि भव्य मंदिर का प्रांगण छोटा है, परंतु श्रद्धालु और भक्तजनों ने जैसे कैसे आपस में बैठकर भक्तिरस का आनंद लिया। ढाई सौ से अधिक लोगों की उपस्थिति बताती है कि ये मुहिम कैसे नया रूप ले रही है क्योंकि युवा और नन्हें बच्चे भी इसमें सम्मिलित थे। यद्यपि समय शाम 6 बजे से रात्रि 9 बजे का था जब माताएँ-बहनें प्रायः घर के काम में व्यस्त होती हैं, परंतु उसके बावजूद पुरुषों के मुक़ाबले में बहनों की उपस्थिति अधिक रही।
मंदिर के पुजारी ने समय पर पूजा अर्चना कर गजेंद्र गोसाईं को व्यास गद्दी पर शोभायमान किया और गजेंद्र गोसाईं ने बड़े प्रेम से गणेश वंदन कर गायकी के माध्यम से पहले बोधराज सीकरी की मुहिम का संक्षेप में वर्णन किया और बताया कि 1,80,600 पाठ तीन मास की 27 बैठक में अभी तक हो चुके हैं आने वाले महीनों की बुकिंग विभिन्न स्थानों में हो चुकी है। तदोपरांत लगभग दो घंटे के अंतराल में पाठ का समापन ऐसे सम्पुट से किया जिसने सबका दिल जीत लिया : “मेरी लगी राम से प्रीत ये दुनिया क्या जाने“ ।
समापन में बोध राज सीकरी ने जहाँ एक ओर हनुमान चालीसा की उस चौपाई की विवेचना की जिसमें लिखा है “ काँधे मूँज जनेऊ साजे “ और बताया कि मूँज यानी बाण का यज्ञोपवीत प्रभु हनुमान क्यों धारण करते थे जबकि प्रायः लोग धागे का यज्ञोपवीत डालते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने तुलसी जी द्वारा लिखित राम चरित मानस, श्री गीता जी, श्री हनुमान चालीसा और गुरु ग्रंथ साहिब के प्रथम और अंतिम शब्द की व्याख्या भी की जिसमें पूरे ग्रंथ के रहस्य छिपे हैं। जिसे सुनकर लोगों का मन गदगद हो गया।
अपने सम्बोधन में बोधराज सीकरी ने गजेंद्र गोसाईं की सेवा भक्ति की भूरी-भूरी प्रशंसा की। इस प्रकार कल शाम लगभग 5100 हनुमान चालीसा के पाठ श्री गणेश मंदिर में पूर्ण हुए। इसके अतिरिक्त सुशांत लोक, सी. ब्लॉक में प्रातः बीस लोगों ने सात बार पाठ किया जिसका संचालन श्रीमती सुरेश सीकरी देखती हैं और हर मंगलवार की तरह जामपुर शिव मंदिर, ईस्ट ऑफ़ कैलाश में 30 लोगों ने दस-दस बार पाठ किया। तीनों स्थानों का कुल योग 5540 हुआ। मुहिम के तहत अभी तक 30 स्थानों में 186140 पाठ हो चुके हैं।
हनुमान चालीसा के पाठ उपरांत मंदिर की कमेटी ने खूब भाव से पगड़ी बांधकर बोधराज सीकरी का स्वागत किया और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को पटका पहनाकर अभिनंदन किया। बड़े भाव से लोगों को प्रसाद वितरण किया गया।
अगला हनुमान चालीसा का पाठ आने वाले मंगलवार 30 मई दोपहर बाद 3 बजे आशीर्वाद गार्डन, ज्योति पार्क गुरुग्राम में आयोजित होगा, जहाँ श्री बालाजी मंदिर, शिवाजी नगर की संयोजिका “देवता जी“ की प्रार्थना सभा, जिनका शरीर पिछले सप्ताह गोलोक में समाविष्ट हो गया था, में आयोजित होगा जिसमें दो हज़ार से अधिक लोगों के आने की आशा है।
गणमान्य व्यक्तियों में मंदिर के राजेश चानना, विनोद, मदन सतीजा, सुभाष ग्रोवर, दलीप लूथरा (प्रधान, आर.डबल्यू.ए), सतीश आहूजा, केंद्रीय सनातन धर्म सभा के प्रधान एस.के खुल्लर, राम लाल ग्रोवर, अश्वनी वर्मा, पत्रकार एम.के.अरोड़ा, धर्मेन्द्र बजाज, रमेश कामरा, ओ.पी. छाबडा, सरदार गुरिन्दर साहनी, नरिंदर कथूरिया, सतपाल नासा, तिलक चानना, रणधीर टन्डन, पंडित भीम दत्त, त्रिलोक गोसाईं, द्वारका नाथ मक्कड़, पंडित चुनी लाल शर्मा, रमेश चुटानी, श्याम ग्रोवर, सुरेन्द्र थरेजा, भीम, किशोरी लाल डुडेजा, राजपाल नासा, सुभाष अधलखा, मियाँवाली बिरादरी के मंत्री और जय दयाल कुमार, अनिल कुमार, रमेश कुमार उपस्थित रहे।
महिला मंडली की ओर से श्याम मंदिर की महिला संयोजिका पुष्पा नासा, ज्योत्सना बजाज, रचना बजाज, ज्योति वर्मा, शशि बजाज, पूनम गोसाईं और कृष्णा कथूरिया ने अपनी हाज़िरी भरी।