बोध राज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम ने 21 फ़रवरी 2023 से प्रारंभ हो कल 21 मई 2024 को पंद्रह मास का अंतराल किया पार, स्पर्श हुआ 6 लाख 36 हजार का आंकड़ा
हनुमान चालीसा पाठ भक्ति और शक्ति का अद्भुत उदाहरण : बोधराज सीकरी
गुरुग्राम। कल मंगलवार 21 मई को बोध राज सीकरी द्वारा चलायी जा रही मुहिम का आयोजन श्रीमती और श्री विनोद राजपॉल, श्री दिनेश नागपाल के सौजन्य से शिव मंदिर सेक्टर 46 में आयोजित हुआ। मंदिर प्रांगण साधकों से खचाखच भरा हुआ था। विशेष आकर्षण था युवा वर्ग। बोध राज सीकरी के कथानुसार समाज परिवर्तन की ओर जा रहा है। सनातन एक बार पुन: जाग्रत हो रहा है। युवा की रुचि धर्म और अध्यात्म की ओर बढ़ रही है। यह एक अच्छा लक्षण है ।
पंडित भीम दत्त ने विधिवत पूजा करवाकर श्री गजेन्द्र गोसाई को व्यास गद्दी पर हनुमान चालीसा पाठ प्रारंभ करने के लिए आमंत्रित किया जिन्होंने मंगलाचरण से 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ संगीतमय तरीक़े से गायकी के माध्यम से किया और लोगों के मन को रिझाया। सभी हनुमान चालीसा पाठ में मग्न थे। गजेंद्र गोसाई ने अंतिम चौपाई में संपुट लगाकर छोटा बड़ा सभी को नृत्य के माध्यम से खड़ा किया और सारा का सारा प्रांगण नृत्यमय कर दिया।
इसके उपरांत बोध राज सीकरी ने युवा पीढ़ी की अधिक संख्या को देखते हुआ उन्हें आधा घंटा यह सिद्ध करने में अपना वक्तव्य दिया कि हनुमान जी से बड़ा कोई मैनेजमेंट एक्सपर्ट नहीं है। उन्हें भगवान राम ने मात्र सीता की सुधि के लिए भेजा था परंतु एक मैनेजमेंट एक्सपर्ट के नाते उन्होंने सुरसा नाम की राक्षसी को अपना बल दिखाया, लंकनी राक्षसी पर प्रहार किया। पूरे राक्षसों के महलों का प्रशिक्षण किया। विभीषण को मंत्रणा दी, माँ सीता को उनकी निशानी देकर अपना परिचय दिया कि मैं मात्र राम जी का दूत हूँ। अशोक वाटिका में फल खाए, बाग को उजाड़ फेंका, वहाँ पर पहरेदार रक्षक राक्षसों को मारा, रावण के छोटे पुत्र अक्षय कुमार का वध किया, मेघनाद के आने पर जब उसने ब्रह्मास्त्र छोड़ा तो उसका सम्मान किया, रावण के दरबार में अपने प्रभु राम का गुणगान किया। रावण को माँ सीता को लौटाने की सलाह दी, जब रावण ने उनकी पूँछ को आग लगाने के आदेश दिये तो तेल भी रावण का, रूई कपड़े भी रावण के और रावण की पूरी लंका में आग भी लगा दी। उसके उपरांत माँ सीता से अजर अमर का वरदान पाना, चूड़ामणि निशानी के रूप में लेकर वापस समुद्र लांघ कर जाना यह सभी कार्य एक अच्छे मैनेजर की भाँति किए। कोई साधारण मैनेजमेंट का विद्यार्थी होता तो मात्र माँ सीता की सुधि लेकर वापस आ जाता परंतु हनुमान जी ने सिद्ध कर दिया। “विद्यावान गुणी अति चातुर”। इस प्रकार बोध राज सीकरी ने वहाँ बैठे युवा को शिक्षा दी कि मात्र एक साधारण मैनेजर नहीं हमें राष्ट्र हित में चातुर और विद्यावान बनना होगा।
एक प्रश्न के उत्तर में बोधराज सीकरी ने बताया कि माँ सीता को रावण ने अशोक वाटिका जो सुंदर पर्वत पर थी, में क्यों रखा अपने महलों में क्यों नहीं रखा। सीकरी जी ने बताया कि रावण ने अपने बड़े भाई कुबेर की बहु रम्भा जो जानी मानी नृत्यांगना थी, के साथ दुष्कर्मी का काम किया था। रावण को श्राप था कि यदि वह भविष्य में किसी परायी स्त्री को अपने महलों में लाएगा तो उसका नाश हो जाएगा। इसी डर से उसने माँ सीता को अशोक वाटिका में रखा। इस प्रकार हर बार बोधराज सीकरी नये-नये रहस्यों को ग्रंथों के माध्यम से युवा पीढ़ी को प्रसाद रूप में देते आ रहे हैं।
पिछले सप्ताह तक 285 स्थानों पर 45,479 साधकों द्वारा 629,919 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।
कल के पाठ में लगभग 250 भक्तों ने भाग लिया और सभी ने 21-21 बार पाठ किया। श्रीमती ज्योत्सना बजाज के ऑनलाइन हनुमान चालीसा के पाठ के आयोजन में 16 लोगों ने 11-11 बार पाठ किया। विजय टन्डन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्ट्री के 59 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया। जनता रिहैबिलिटेशन सेंटर में 40 विद्यार्थियों ने 21-21 बार पाठ किया। इसके अतिरिक्त जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में 45 साधकों ने 5-5 बार हनुमान चालीसा पाठ किया।
इस प्रकार अब तक 290 स्थानों पर 45,889 साधकों द्वारा 636,528 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।
हनुमान चालीसा पाठ में विनोद राजपॉल और दिनेश नागपाल ने आयोजक के रूप में सहभागिता की। नरेंद्र यादव, अलका शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके अतिरिक्त राजेंद्र बजाज, युधिष्ठिर अलमादी, ज्योत्सना बजाज, शशि बजाज, सिमरन बजाज मौजूद रहे।
अगला हनुमान चालीसा का पाठ 28 मई को राजीव चौक गुरुग्राम में शाम को 6 बजे नितिन टुटेजा एडवोकेट के कार्यालय में आयोजित होगा।