“हनुमान जी” राष्ट्र भक्ति की अप्रतिम मिसाल : बोधराज सीकरी
युवा पीढ़ी अपने कर्तव्यों के प्रति हो सजग : बोधराज सीकरी
गुरुग्राम। कल दिनांक 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर मंगलवार होने के कारण” हनुमान चालीसा” पाठ का संगीत मय ढंग से श्री गजेंद्र गोसाई जी की मधुर वाणी के साथ शीतला कॉलोनी, गुरुग्राम में भव्य आयोजन हुआ। जहां पहले से ही निरंतर 7 दिनों से आचार्य ओम प्रकाश शास्त्री वृंदावन वालों के माध्यम से भागवत सप्ताह चल रही थी श्री बोधराज सीकरी जी के कथनानुसार निरंतर 600 लोगों का एक स्थान पर छः घंटे बैठना इतना सराहनीय कदम है जो यह दर्शाता है कि लोगों के मन में ईश्वर के प्रति कितना भाव उत्पन्न हो रहा है। लगभग सवा 6 बजे श्री गजेंद्र गोसाई जी ने मंगलाचरण के उपरांत “हनुमान चालीसा” पाठ का शुभारंभ किया। जिसका विश्राम 8 बजे हुआ। 8 बजे से 8:30 बजे के बीच में श्री बोधराज सीकरी समाज सेवी जिन्होंने लगभग 6 माह पूर्व “हनुमान चालीसा” के पाठ की मुहिम को शुरू किया था और इन 6 माह में 2 लाख 65 हजार से अधिक पाठ पिछले सप्ताह तक हो चुके थे। और 600 साधकों द्वारा मंगलवार के दिन 21-21 बार पाठ करने के उपरांत यह संख्या 12600 और बढ़ गई। यानी अब तक पाठ की संख्या 2 लाख 77 हजार का आंकड़ा पार कर गयी है। इसी प्रकार पहले लगभग 16750 साधक इस महान यज्ञ के अंदर सम्मिलित हो चुके थे और इन 600 श्रद्धालुओं की गिनती को जोड़ने के उपरांत ये संख्या 17350 हो गई है। श्री गजेंद्र गोसाई जी ने अपने निष्कर्ष में श्री बोध राज सीकरी जी से प्रार्थना की कि आप हर मंगलवार को “हनुमान चालीसा “या “श्री रामचरितमानस”के कुछ अंश ले कर उस पर व्याख्या करते हो लेकिन आज तो स्वतंत्रता दिवस है इसलिए मेरी सीकरी जी से प्रार्थना है कि कृपया यहाँ बैठे युवा को स्वतंत्रता दिवस के बारे में ,राष्ट्र के बारे में ज्ञान दें और युवा वर्ग का मार्गदर्शन करें।
श्री बोधराज सीकरी जी ने अपने वक्तव्य में प्रारम्भ में ही कह दिया कि पूरे विश्व के अंदर” हनुमान जी “से अधिक राष्ट्र भक्त कौन हो सकता है। उन्होंने” हनुमान जी” की तुलना देश के यशस्वी प्रधानमंत्री “श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी “के साथ कर दी कि उन्होंने भी अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर रखा है और” हनुमान जी” ने अपने इष्ट देव भगवान राम को और उनकी अयोध्या नगरी को कर रखा है। वो भी चौकीदारी करते थे और श्री नरेंद्र भाई मोदी भी अपने आप को चौकीदार बताते हैं। “हनुमान चालीसा “में स्पष्ट लिखा है कि
“राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे”
जैसे हनुमान जी की आज्ञा के बिना कोई राम दरबार में नहीं जा सकता था। इस प्रकार किसी देश की हिम्मत नहीं कि श्री नरेंद्र भाई मोदी के होते हुए हमारे देश की ओर कोई बुरी नज़र से देख भी सके । अपने संबोधन में श्री बोधराज सीकरी जी ने युवा पीढ़ी को संविधान के बारे में, संविधान के अंदर समाहित हमारे जो अधिकार हैं, जो कर्तव्य हैं, उनकी विस्तार पूर्वक विवेचना की और युवा पीढ़ी को आगाह किया कि यदि आप अपने अधिकारों का संविधान के अनुसार आनंद उठाना चाहते हो तो पहले आपको उसमें समाहित कर्तव्यों की पालना करना भी सीखना होगा । तिरंगा के अंदर जिस प्रकार भगवा रंग शक्ति का प्रतीक है। सफेद रंग शांति का प्रतीक, हरा रंग हरित क्रांति का प्रतीक और अशोक चक्र धर्म का प्रतीक और अशोक चक्र के अंदर 24 तिलियाँ कर्म परायणता का प्रतीक हैं। इस प्रकार हमें अपने जीवन के अंदर परिवर्तन लाना होगा और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों में खासकर संविधान के प्रति, राष्ट्रगान के प्रति, अपने कर्तव्यों के प्रति, पर्यावरण के प्रति, महिला सशक्तिकरण के प्रति, इन बातों का विशेष ध्यान रखना होगा। अंत में श्री बोधराज सीकरी जी ने वहां पर इतने भव्य आयोजन, इतनी
भीड़ के दौरान अनुशासन दिखाते हुए वहां के भक्तों ने अपने जो भाव दिखाए उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की और श्री बोधराज सीकरी जी ने कहा कि मेरा मन आज गद -गद हो गया है कि मैंने इतनी भीड़ में पाया कि 50 प्रतिशत से अधिक श्रद्धालु वहां पर युवा थे और अनुशासन से न केवल उन्होंने पाठ किया बल्कि धैर्य दिखाते हुए आदरणीय श्री ओम प्रकाश शास्त्री जी की भागवत कथा के अतिरिक्त “श्री हनुमान चालीसा “पाठ व श्री बोध राज सीकरी जी के वक्तव्य को भी ध्यान से सुना।यद्यपि इस आयोजन में बहुत से लोगों का योगदान था लेकिन इसमें विशेष भूमिका पंडित भीमदत्त,ज्योतिषाचार्य जो श्री श्याम जी मंदिर न्यू कालोनी के पुरोहित हैं और इसी मंदिर …