प्रभु श्री राम का जीवन और प्रभु हनुमान की भक्ति युवाओं के लिए अनुकरणीय है : बोधराज सीकरी
गुरुग्राम। कल दिनांक 13 फरवरी 2024 मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम के तहत जो आयोजन हुआ वो श्री अनिल जी के निवास स्थान पर उनकी पुत्री के विवाह से संबंधित कार्यक्रम के तहत हुआ। अनिल जेटली जी ने बड़े भाव, बड़े प्रेम, बड़ी श्रद्धा से आयोजन किया, जिसमें लगभग 150 से अधिक लोगों ने भाग लिया और पहले श्री गजेंद्र गोसाई ने श्री श्याम मंदिर न्यू कालोनी के आधार पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया। तदोपरांत 11 बार गायकी के साथ, लय के साथ, सुर के साथ, संगीत के साथ हनुमान चालीसा पाठ का पठन किया और अंतिम पाठ बड़ी श्रद्धा से लोगों को नृत्य के साथ करवाया। तदोपरांत बोधराज सीकरी ने सर्वप्रथम अनिल जेटली जी और उनकी श्रीमति मधु जेटली जी को बधाई दी और बताया कि वो घर धन्य है जिसमें पिता अपने हाथों से कन्यादान करता है और वो घर भी धन्य है जिनके घर में कन्या नहीं है बशर्ते उनके घर में दूसरे घर की बेटी जब बहु बनकर आती है। तो उसको यदि सुपुत्री के समान रखते हैं तो वो घर भी धन्य है। उसके उपरांत बोधराज सीकरी ने सुंदरकांड पाठ का महत्व, तुलसीकृत रामायण का महत्व और हनुमान चालीसा पाठ का महत्व अलग-अलग तरीके से युवा पीढ़ी को समझाया।
उन्होंने आगे बताया कि आज के कुछ युवा अच्छे जिज्ञासु बनके उनसे प्रश्न उत्तर करते हैं। उन्होंने एक दो बच्चों की जिज्ञासाओं का निवारण किया कि भगवान राम ने हिरण को मारा क्या वो हिंसा नहीं है। उसका उत्तर बोधराज सीकरी ने आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाया। इसी प्रकार चरणामृत को कैसे लेना चाहिए इसकी विधि बताई। जितने भी ग्रन्थों के रहस्य हैं उनको बताकर के और युवा पीढ़ी को सम्बोधित करते हुए बताया कि जिस दिन आप अर्जुन की तरह जिज्ञासु हो जाएंगे वो दिन दूर नहीं जब आपके सामने कृष्ण किसी न किसी रुप में आकर आपकी सारी जिज्ञासाओं का निवारण करें। तो आज के बच्चे को अगर संस्कारवान बनना है तो ग्रन्थों की ओर जाना होगा, वेदों की ओर जाना होगा और अपने मन की जिज्ञासाओं को माता पिता के माध्यम से या किसी भी उचित ज्ञाता के माध्यम से, किसी विप्रवर के माध्यम से, किसी ब्राह्मण के माध्यम से उन शंकाओं का निवारण करना होगा। यदि हम अपने ग्रन्थों का रहस्य जान गए तो समझ लो हम विश्व गुरु बन गए। इस प्रकार कई प्रकार के उदाहरण देकर उन्होंने युवा पीढ़ी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं प्रभु का आभार प्रकट करता हूँ कि जो मैंने मुहिम लगभग 1 साल पहले शुरू की थी उसका 1 वर्ष अगले सप्ताह 21 फरवरी को पूरा होने वाला है। पहले सोचा था कि इसका समापन करेंगे लेकिन अभी हनुमान जी ने आज्ञा नहीं दी, अभी कब तक मुहिम चलेगी ये ईश्वर इच्छा है।
कल जैकबपुरा में 150 साधकों ने 11-11 बार पाठ किया।
इसी प्रकार जनता रिहैबिलिटेशन सेंटर में पिछले कई मंगलवार से बोधराज सीकरी की अगुवाई में जो हनुमान चालीसा पाठ चल रहा है। वहां भी 40 विद्यार्थियों ने 21-21 बार पाठ किया।
इसी प्रकार जामपुर शिव मंदिर ईस्ट ऑफ कैलाश में भी 35 साधकों ने 5-5 बार पाठ किया।
श्री विजय टन्डन और श्री रणधीर टन्डन की फैक्टरी वी.के.रब प्लास्ट के 70 कर्मचारियों ने 2-2 बार पाठ किया।
इसके अतिरिक्त पंजाबी बिरादरी महा संगठन की महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका श्रीमती ज्योत्सना बजाज के सहयोग से, मंगलवार के दिन जहां-जहां भी हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। उसके अतिरिक्त जूम के माध्यम से लगभग 25 महिलाओं ने 11-11 बार पाठ किया।
इससे पहले 212 स्थानों पर हनुमान चालीसा के 549,788 पाठ 39,773 साधकों ने किए थे।
इस मंगलवार के पाठ को मिलाकर 217 स्थानों पर 40,093 साधकों द्वारा 552,868 हनुमान चालीसा पाठ हो चुके हैं।
इस कार्यक्रम में श्री रमेश कामरा, द्वारिका नाथ, जगदीश रखेजा, राजेंद्र बजाज, युधिष्ठिर अलमादी, रुपेश चौधरी, सुखदेव, श्रीमती ज्योत्सना बजाज, रचना बजाज, सिमरन बजाज, पुष्पा नासा, योगेश, लीलू बुद्धिराजा व अन्य जन उपस्थित रहे।